केंद्र से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए नियम बनाने की मांग, मंत्रियो से मिलेगा ADSEI प्रतिनिधिमंडल

 


भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं सांसद मनोज तिवारी  ने कहा कि जबसे केंद्र मे मोदी सरकार बनी है, उसके बाद से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के अच्छे दिन शुरू हो चूंके है

बीजेपी नेता और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि निश्चित तौर पर कुछ चिटफंड कंपनियों के कारण ईमानदारी से काम करने वाले डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी है, तब से इस उद्योग के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं. साल 2016-2017 में मोदी सरकार इस इंडस्ट्री के लिए पहली बार गाइडलाइंस लेकर आई, जिसका इंडस्ट्री को पिछले 20 साल से इंतजार था.

नई दिल्ली: देश की डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों ने अब चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए खुद आगे आना शुरू कर दिया है. एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग कंपनीज एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एंटिटी ऑफ इंडिया (ADSEI) ने केंद्र सरकार से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लेकर नियम बनाने की मांग की है. एडीएसईआई का मानना ​​है कि नियम बनने के बाद रोजगार पैदा करने, आत्मनिर्भर भारत और लोकल के लिए वोकल के उद्देश्य से काम करने वाली डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए यह आसान हो जाएगा.
रोहिणी में आयोजित डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के शिखर सम्मेलन में एकजुटता से निर्णय लिया गया कि जल्द ही एडीएसईआई का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात करेगा. देश भर से 50 से अधिक डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के निदेशकों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया और भविष्य की योजनाओं और इस व्यवसाय से संबंधित कंपनियों के सामने आने वाली समस्याओं और उनके समाधानों पर विस्तार से चर्चा की. एसोसिएशन के सचिव और केंद्रीय खाद्य वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पूर्व सचिव हेम पांडे ने आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना.

समिट में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए भाजपा नेता एवं सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि निश्चित तौर पर कुछ चिटफंड कंपनियों के कारण ईमानदारी से काम करने वाले डायरेक्ट सेलिंग उद्योग से जुड़े कारोबारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी है, तब से इस उद्योग के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। साल 2016-2017 में मोदी सरकार इस इंडस्ट्री के लिए पहली बार गाइडलाइंस लेकर आई, जिसका इंडस्ट्री को पिछले 20 साल से इंतजार था.
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि इस उद्योग ने रोजगार के अवसरों के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित किया है. उन्होंने कंपनी मालिकों और समिति में मौजूद अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों को केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों तक पहुंचाएंगे ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके. इस मौके पर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांग रखी और कहा कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लेकर जल्द से जल्द नियम बनाए जाएं. नियम बनने से एक तरफ देश की जनता का इस उद्योग पर भरोसा होगा तो दूसरी तरफ चिटफंड कंपनियों, मनी रोटेशन पर नकेल कसने में आसानी होगी.

एसोसिएशन के संजीव कुमार ने बोलते हुए कहा कि डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा के साथ-साथ वोकल फॉर लोकल की अवधारणा में निश्चित रूप से तेजी आएगी. एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जहां बाकी उद्योग धराशायी हो गए, उस समय डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री सबसे ज्यादा बढ़ी.


साथ ही एसोसिएशन की ओर से पर्यावरण की शुद्धता के लिए कार्य करने का निर्णय लिया गया. एसोसिएशन ने कहा कि प्रदूषण की भयावह स्थिति को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए हर वर्ग को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन जल्द ही इस संबंध में एक कार्य योजना तैयार करेगी और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम शुरू करेगी. इस दौरान डायरेक्ट सेलिंग कोच सुरेंद्र वत्स, हैप्पी हेल्थ इंडिया के निदेशक पवनदीप अरोड़ा, एडब्ल्यूपीएल के निदेशक संजीव कुमार, दार्जुव 9 के निदेशक जितेंद्र डागर, शॉपनेट के निदेशक अरविंद अत्री, रॉब (आरओबीई) इंडिया के निदेशक संजीव कुमार ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने डायरेक्ट सेलिंग के जरिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने का भरोसा जताया.

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