पथरी का ऑपरेशन करने की जरूरत नही सात दिनो मे किडनी स्टोन गायब


 

क्या आप पथरी से परेशान हैं? या फिर फैमिली में किसी को है?

अगर आपका उत्तर हाँ आता है तो ये आर्टिकल आपके लिए बहोत महत्वपूर्ण है।


जानते है किडनी स्टोन ( पथरी ) क्यो होता है इसके नुकसान कया है।

दरअसल किडनी शरीर में एक फिल्टर का काम करती है। जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो किडनी पानी की कम मात्रा छानती है। इसकी वजह से शरीर में मौजूद कैल्शियम, यूरिक ऐसिड जैसी कई अन्य चीजें शरीर से बाहर नहीं निकल पाते और वे पथरी के रूप ले लेते हैं।


दुनिया में लाखों ऐसे मरीज है जो गुर्दे की पथरी से परेशान है। गॉल ब्लाडर में पथरी बनना एक भयंकर पीड़ादायक रोग है। इसे पित्त पथरी कहते हैं। पित्ताशय में दो तरह की पथरी बनती है। प्रथम कोलेस्ट्रोल निर्मित पथरी। दूसरी पिग्मेन्ट से बननेवाली पथरी। जिसमें से लगभग अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रोल तत्व से ही बनती है।


यह रोग किसी को भी और किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन महिलाओं में इस रोग के होने की सम्भावना पुरुषों की तुलना में कम होती है। पित्त की पथरी को घरेलू उपचार के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इस लेख को पढ़ें और अधिक जानकारी प्राप्त करें।


पित्त लिवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लेडर में होता है। यह पित्त वसायुक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा  ज्यादा हो जाती है, तो पथरी निर्माण के लिये आदर्श स्थिति बन जाती है। यह बीमारी आमतौर पर तीस से साठ वर्ष के उम्र के लोगों में पाई जाती है और स्त्रियों की अपेक्षा पुरूषों में चार गुना अधिक पाई जाती है।


बच्चों और वृद्धों में मूत्राशय की पथरी ज्यादा बनती है, जबकि वयस्को में अधिकतर गुर्दो और मूत्रवाहक नली में पथरी बनती है। पथरी के जिन मरीजों को डायबिटीज की बीमारी होती है उनको गुर्दे की बीमारी होने की काफी संभावनाएं रहती हैं। अगर किसी मरीज को रक्तचाप की बीमारी है तो उसे नियमित दवा से रक्त चाप को नियंत्रण करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर रक्तचाप बढ़ता है, तो इस बिमारी से भी गुर्दे खराब हो सकते हैं।


उपाय कया है 

ELEMENTS WELLNESS URI Flush - 3 ये प्रोप्राटेरी आयुर्वेदीक मेडिसिन है,  जिसे आयुष बिभाग द्वारा प्रमाणित आयुष प्रीमिअम सर्टिफाईड मिला है, और द इकनॉमिक टाइम्स की तरफ से BEST HEALTH CARE BRANDS 2019 का अवॉर्ड मिला है।



इस मेडिसीन से लेणे से पथरी पिघल कर बाहर निकाल जाएगी

मुख्य सामग्री : गोखरू , कुलथी , पुनर्नवा , शिलाजीत , कोंट गैस , गुडुची , अजवाईन तेल अन्य प्राकृतिक सामग्री ।

फायदे : किडनी में पथरी बनने से रोकना , पथरी के आकार को कम करना , पथरी को मूत्र मार्ग से बाहर करने में सहायता करना और पेट और पीठ के पिछले हिस्से के दर्द से आराम दिलाना , पेशान की मात्रा बढ़ाकर मूत्र स्वास्थ्य को कायम रखना तथा इंफेक्शन से बचाना ।

खुराक : कैप्सूल और १ टेबल स्पून दिन में २ बार खाना खाने के बाद ।

समय : कम से कम २ महिने का सेवन अनिवार्य है क्योंकि यह पत्थर को पिघलाकर पेशाब की सहायता बाहर लाने की प्रक्रिया धीरे मगर असरदार तरीके से करता है ।

पैक मात्रा : ६० वेजिटेरियन कैप्सूल और २०० मि.ली. लिक्विड ।


लेने से पहले फिजिशीयन से सलाह ले ।

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